Sunday, 11 March 2018

भ्रष्‍टाचारी का आतंक

धर्म को अपना व्‍यापार बनाया है जब-जब,
आशाराम और रामरहीम जैसे राक्षस आये है तब-तब।
क्‍या आपको पता है भ्रष्‍टाचारी ने आपको रूलाया है कब-कब,
आज भी उम्र कैद की सजा मिलने पर अभी भी खुले आम घुम रहे है सब।।

गरीबों को भुख से तड़पाया है जब-जब,
हर रोज़़ तीन हजार कुुपोषित शिशु जन्‍म लेते है तब-तब।
क्‍या आपको पता है भ्रष्‍टाचारी ने आपको रूलाया है कब-कब,
आज भी 20 हजार लोग अभी भी कुपोषित समस्‍यायों का शिकार बन रहें है सब।।

बेटियों को भ्रुुुुण में मारा है जब-जब,
किसी को उस मां की चीख सुनाई नहीं दी तब-तब।
क्‍या आपको पता है भ्रष्‍टाचारी ने आपको रूलाया है कब-कब,
अभी भी बेटियों को जन्‍म देनें वाली मां को कोस रहे है सब।।

सैनिकों ने बलिदान दिया है जब-जब,
देश के प्रति प्रेम उमड़ आता है तब-तब।
क्‍या आपको पता है भ्रष्‍टाचारी ने आपको रूलाया है कब-कब,
रक्षा के लिए रक्‍त बहाने बालों के परिवार को भूल रहे हैं सब।।


लेखिका - साक्षी जैन (राघोगढ़, जिला गुना मध्य-प्रदेश)

No comments:

Post a Comment

गुरु विद्या सागर

पथ नहीं पथित है आप जलता हुआ ज्ञान का दीपक है आप बेटियों को अंधकार से दूर किया ऐसे कुल दीपक है आप।। युद्व नहीं आप सघर्ष है आप लहूलुहान...