बेटी की पुकार
किलकारियाँ सुनने से पहले,
भ्रूण में मार दिया मुझे
घर में रोशनी होने से पहले,
बुझा दिया मुझे
मेरी रूह भी बोल उठी थी,
'माँ-पापा' बचा लो मुझे
कुसूर क्या था मेरा,
जो ठुकरा दिया मुझे
दुनिया में आने से पहले,
नजर अंदाज कर दिया मुझे
सपनो को पूरा होने से पहले,
अपनो से दूर कर दिया मुझे
मेरी कहानी शुरू होने से पहले,
अपने ही सपनो से दूर कर दिया मुझे
मेरी रूह भी बोल उठी थी,
'माँ-पापा' बचा लो मुझे
कुसूर क्या था मेरा,
जो ठुकरा दिया मुझे
हाथ काँपने से पहले,
हैवानो ने गिरा दिया मुझे
इन्सानियत जागने से पहले,
शिकार बना लिया मुझे
मेरी रूह बोल उठी थी,
'माँ-पापा' बचा लो मुझे
कुसूर क्या था मेरा,
जो ठुकरा दिया मुझे
जन्म लेने से पहले,
मौत के घाट उतर दिया मुझे
रिश्ते निभाने से पहले,
एक बार याद करना मुझे
मेरी रूह भी बोल उठी थी,
'माँ-पापा' बचा लो मुझे
मेरी रूह भी बोल उठी थी ,
'माँ-पापा' बचा लो मुझे। ........
द्वारा- साक्षी जैन
Nice composition
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